Friday 7 June 2013

चल सहेली बूझ पहेली

1.
नार नवेली, बनी पहेली
राज़ ना उसका हमने जाना
आसन जमा बैठी चौकी पर
काम है शीतल जल पिलाना

2.
काटा मुझे तो रोओगे तुम
आँसू खूब बहाओगे तुम
गरीबों की मैं रोटी पर रहती
अमीरों की भी मेज सजाती

3.
जन्मदिन हो या बजी शहनाईं
या जाते हो करने फ़रियाद
सूट-बूट जब पहन लिया
तब आई मेरी याद

4.
दो अक्षर का मेरा नाम
आता हूँ मैं सबके काम
सीधा तो मैं मीटर से छोटा
उलट दिया तो दुनिया सा मोटा

5.
शेर नहीं पर जंगल में भी रहता
अमृत नहीं पर जीवन देता
शीतलता जो भी पानी चाहे
मुझको आकर गले लगाता

6.
आग लगी है पूँछ में मेरी
सरपट दौड़ा जाता हूँ
नाम मेरा तुम बूझो भैया
अंतरिक्ष तक होकर आता हूँ

7.
होकर रानी भरती पानी
किस्मत का यह खेल है भारी
समझ नौकरानी ना करना छेडखानी
दूँगी पटका याद आएगी नानी

(उत्तर अगली पोस्ट पर देख लें)


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