Friday 11 August 2023

दो पंछी

इक डाल से दो पंछी गिरे
इक स्वर्ग पड़ा इक नरक पड़ा
जैसा जिसने करम करा
वैसा उसको परिणाम मिला ---2
इक डाल से.....
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इक बाग में दो अंकुर पले
इक पेड़ बना इक झाड़ बना
पेड़ पर चहचहाईं चिडियां
झाड़ में इक सर्प पला ----2
इक डाल से......
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पेड़ ऊँचा ओर ऊँचा बढ़ा
झाड़ ने रूप विकराल धरा
पेड़ फल-फलियों से लदा
झाड़ में था बस विष ही भरा ----2
इक डाल से......
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हल लिये बाग में इक वीर घुसा
थोड़ी लपटें और धुँआ उठा
लपटें पेड़ को छू न सकीं
झाड़ खुद भी जला संग सर्प जला ----2
इक डाल से दो पंछी गिरे
इक स्वर्ग पड़ा इक नरक पड़ा
जैसा जिसने करम करा
वैसा उसको परिणाम मिला -2
इक डाल से....

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